
नियम उन व्यक्तिगत प्रथाओं और अनुशासनों को संदर्भित करता है जिन्हें व्यक्ति को मन और शरीर को शुद्ध करने के लिए अपनाना चाहिए। पाँच नियम हैं शौच (स्वच्छता), संतोष (संतोष), तपस (तपस्या), स्वाध्याय (स्व-अध्ययन), और ईश्वर प्रणिधान (उच्च शक्ति के प्रति समर्पण)।





